भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर तेज हो गई है । मंगलवार को 1.15 लाख नए केस सामने आए हैं । यह पहली लहर के पीक से भी ज्यादा हैं । पहली लहर का पीक 17 सितंबर को था , जब करीब 97 हजार केस सामने आए थे । उसके मुकाबले दूसरी लहर में 4 अप्रैल को 1.03 लाख और अब 6 अप्रैल को 1.15 लाख नए केस सामने आए हैं । और तो और , कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन एक्टिव होने से नए लक्षण भी सामने आ रहे हैं । अब पेट दर्द , उल्टी , जोड़ों का दर्द , कमजोरी , भूख में कमी को भी कोरोना वायरस का लक्षण माना जा रहा है । विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के अनुसार अलग - अलग लोगों को अलग - अलग तरह के लक्षण सामने आ रहे हैं । ज्यादातर लोगों को माइल्ड से मॉडरेट बीमारी हो रही है और अस्पताल में भर्ती हुए बिना ठीक भी हो रहे हैं । आम तौर पर व्यक्ति के वायरस से इन्फेक्ट होने के 5-6 दिन बाद यह लक्षण सामने आ रहे हैं । हालांकि कुछ मामलों में यह लक्षण 14 दिन तक भी सामने आए हैं । क्यों आ रही है कोरोना केसेस में तेजी ? . वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ . गगनदीप कंग कहती हैं कि हर वायरस म्यूटेट होता है और उसके नए वैरिएंट्स सामने आते हैं । कोरोना वायरस में भी यह हो रहा है । यूके और ब्राजील जैसे कुछ स्ट्रेनगंभीर हैं और यह तेजी से फैलते हैं । • भारत सरकार की मानें तो इस समय देश के 18 राज्यों में कोरोना के खतरनाक वैरिएंट्स मिले हैं । इनमें महाराष्ट्र में मिला डबल म्यूटेंट स्ट्रेन भी शामिल है । महाराष्ट्र में जो केस सामने आए हैं , उनमें वायरस में दो जगहों पर बदलाव हुए हैं । इससे इसकी ट्रांसमिशन क्षमता बढ़ी है । विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि लोगों के व्यवहार में भी बदलाव आया है । उन्हें लग रहा है कि कोरोना वायरस खतरनाक नहीं रहा , इसलिए मास्क , सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर के इस्तेमाल में कमी आई है । इसका भी वायरस के नए केस सामने आने में अहम योगदान है । . किस तरह के नए लक्षण सामने आए हैं ? . भारत में नए केसेज को लेकर जो स्टडी हुई है , उसके अनुसार बदलते स्ट्रेन की वजह से लक्षण भी बदल रहे हैं । अब सिर्फ बुखार , थकान या सूखी खांसी , स्वाद और गंध महसूस न होना ही कोरोना के लक्षण नहीं हैं । एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के डॉक्टरों ने नए लक्षण भी देखे हैं । इस रिपोर्ट के अनुसार ब्राजील और केंट के वैरिएंट्स ज्यादा ताकतवर हैं और इनकी वजह से नए तरह के लक्षण सामने आ रहे हैं । यह प्रमुख अंगों पर भी हमला कर रहे हैं । भारत के अस्पतालों में हुई रिसर्च के अनुसारवायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए मरीजों में नए लक्षण सामने आए हैं । नए लक्षणों में पेट दर्द , मतली , उल्टी और सर्दी के साथ ही मांसपेशियों का दर्द , गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल जटिलताएं , कमजोरी और भूख लगने में कमी भी शामिल हैं । डॉक्टर बुखार और खांसी जैसे सामान्य लक्षण न होने के बाद भी टेस्ट करवा रहे हैं तो मरीज पॉजिटिव आ रहे हैं । इससे पहले यूके और अन्य यूरोपीय देशों में इन्फेक्शंस की दूसरी और तीसरी लहर में बुखार या खांसी के अलावा भी लक्षण , असामान्य संकेत सामने आए थे । चीन में हुई एक स्टडी के अनुसार कंजक्टिवाइटिस भी कोविड -19 इन्फेक्शन का लक्षण है । नए स्ट्रेन की वजह से आंखों में लालिमा , सूजन और पानी आने की समस्या हो सकती है । इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑडियोलॉजी में पिछले हफ्ते छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इन्फेक्शन सुनने की क्षमता को भी कमजोर बना रहा है । स्टडी के मुताबिक 7.6 % इन्फेक्टेड लोगों की सुनने की क्षमता प्रभावित हुई है । बहुत ज्यादा कमजोरी और थकान को भी कोरोना इन्फेक्शन का शुरुआती लक्षण माना जा रहा है । यह साइटोकिन्स की वजह से हो सकता है , जो शरीर में किसी भी तरह के इन्फेक्शन पर रिएक्शन के तौर पर इम्यून सिस्टम में बनने लगते हैं । जब आपका शरीर इन्फेक्शन से लड़ता है तो आपको महसूस होगा कि आपके शरीर की पूरी एनर्जी ही किसी ने खींच ली है । गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल लक्षण क्या हैं ? . पर डॉक्टरों का कहना है कि कई तरह की गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल समस्याएं भी सामने आ रही हैं । पहले के मुकाबले इनकी संख्या बढ़ी है । पहले तो यह लक्षण दिखे ही नहीं थे , अब ज्यादातर केस में यह लक्षण दिख रहे हैं । डॉक्टरों का कहना है कि वायरस के नए स्ट्रेन डाइजेस्टिव सिस्टम को प्रभावित कर रहे हैं और इसकी वजह से डायरिया , पेट दर्द , मतली और उल्टी के लक्षण बढ़ रहे हैं । शरीर में जैसे - जैसे वायरस का लोड बढ़ता है , वैसे - वैसे वह अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है । ऐसे में डॉक्टरों की सलाह है कि लापरवाही न बरतें । कोई भी लक्षण दिखते ही टेस्ट कराएं और समय पर इलाज कर वायरस का लोड बढ़ने से रोकें । क्या इन्फेक्शन ज्यादा घातक हो रहा है ? • ज्यादातर नए केसों में लक्षण हैं ही नहीं । कुछ में माइल्ड से मॉडरेट लक्षण हैं । पर जिस तरह वायरस में बदलाव हो रहे हैं , इन्फेक्शन की गंभीरता भी सामने आ रही है । जिन लोगों को किसी न किसी तरह की गंभीर बीमारी हैं , उनके लिए यह इन्फेक्शन घातक साबित हो सकते है
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