मध्यप्रदेश में अब तक सरकार पर कोविड से होने वाली मौतों के आंकड़े छिपाने के आरोप लग रहे थे , लेकिन सीधी जिले में इसका उल्टा हुआ । यहां 7 कोरोना पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों को मृत बता दिया गया है । जब जिंदा लोगों को खुद के मृत होने की जानकारी मिली तो सभी चौंक गए । घबराते हुए सभी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे । आधार कार्ड और वोटर आईडी दिखाते हुए अपने जिंदा होने का प्रमाण दिया । बता दें कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की एक सूची सोशल मीडिया में वायरल हुई । इसमें कोरोना पॉजिटिव मरीजों को मृत घोषित दिखाया गया , जबकि यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया में भर्ती इन मरीजों को होम आइसोलेट किया गया था । ऐसा एक नहीं बल्कि जिले के सात लोगों के साथ हुआ है । हालांकि स्वास्थ्य विभाग की वायरल सूची को लेकर कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने अनभिज्ञता जाहिर की है । उन्होंने कहा है कि मेरी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं है । इस विषय में सीएमएचओ ही कुछ कह सकते हैं । सीएमएचओ ने कहा कि किसी को मृत घोषित नहीं किया गया है ।क्या है वायरल सूची में गौरतलब है कि कार्यालय खंड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया जिला सीधी के नाम से 2 जून को एक सूची वायरल हुई । जिसमें एक से लेकर 17 मरीजों का पूरा डाटा दर्शाया गया है । जहां पर 7 जिंदा लोगों को मृत बताया गया । इसी सूची को देखने के बाद जब जिंदा लोगों को मामले की जानकारी हुई तो वह चौंक गए । हालांकि सूत्रों का दावा है कि ये कई दिन पुरानी लिस्ट है । किसी शिकायतकर्ता द्वारा संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को दी गई थी । जिन्हें वायरल कर दिया था ।
कोरोना से मौत लेकर पहले से रार कोरोना से मौत के आंकड़े को लेकर जहां प्रदेश सरकार और विपक्ष में पहले से ही रार मची हुई है । वहीं सीधी जिले में जिंदा लोगों को मृत बताकर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने शिवराज सरकार को एक नई मुसीबत में लाकर खड़ी कर दी है । आरोप है कि कोरोना से मौत को लेकर इसी तरह कागजी आंकड़ों की बाजीगरी की गई है । जिस पर सरकारी मशीनरी पर्दा डाल रही थी । लेकिन यहां पर उल्टा हो गया । साहब मैं जिंदा हूं ... बताया गया कि सोशल मीडिया पर वायरल सूची में जिन लोगों को मृत बताया गया है । वे लोग जिंदा होने का प्रमाण दिखा रहे है । सरकारी रिकार्डों में मृत लोग आला अधिकारियों के पास पहुंचकर बोल रहे है कि साहब मैं जिंदा हूं ... ! कोरोना ने मेरी जिंदगी नहीं ली है । मैं तो सिर्फ सेमरिया अस्पताल में कोरोना की जांच कराने गया था । वहां की दवा तक नहीं ली । फिर भी मुझे मृत घोषित कर दिया
जल्दबाजी में बनी सूची में हो गया उल्टा स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का दावा है कि समय - समय पर सीएमएचओ कार्यालय से सभी सिविल अस्पताल और सीएचसी और पीएचसी से कोरोना संक्रमितों और मृतकों की सूची मांगी जाती है । जिनको खंड चिकित्सा अधिकारी कम्प्यूटर आपरेटर के माध्यम आनन फानन में सूची बनवाकर भेजवाते है । ऐसे में जल्दबाजी के चक्कर में उल्टा लिस्ट चली गई । किसी को मृत घोषित नहीं किया गया है इस मामले की मुझे जानकारी नहीं है । हां अगर सीएमएचओ आफिस से गड़बड़ी होती तो मैं जिम्मेदार होता । कोई प्राथमिक जानकारी को बदले की भावना से इस तरह किया है । किसी को मृत घोषित नहीं किया गया ।
डॉ
. बीएल मिश्रा , सीएमएचओ सीधी
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