उज्जैन में सोमवार को एक हादसे में दो बच्चों की मौत हो गई । यह दोनों बच्चे अपने पिता के ही तीन पहिया वाहन में सवार थे । वाहन अनियंत्रित होने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया । इसमें पिता के साथ ही बच्चों की मां घायल हो गए । बच्चों की मौत के बाद रोते बिलखते मां बाप उनके शवों का पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहते थे । इन्हें मनाने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करना पड़ी । उज्जैन के चामुंडा माता मंदिर के पास उस समय हंगामा मच गया जब दो थानों की पुलिस , दो CSP मृत बच्चों के माता पिता को अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाने के लिए समझा रहे थे । लेकिन मासूमों के शव गोद में लिए परिजन किसी भी हाल में अस्पताल में पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाह रहे थे । हामूखेड़ी में रहने वाले रतन मावी भील अपनी पत्नी के साथ सामान बेचने तीन पहिया वाहन ( जुगाड़ गाड़ी ) से निकले । पति पत्नी और दो मासूम 8 वर्ष की राधा और 3 माह का बेटा सन्नी भी गाड़ी में सवार थे । हामूखेड़ी मोड़ पर गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई । इसके कारण गाड़ी में सवार दोनों मासूम बच्चों की मौत हो गई । हादसे में माता पिता को भी चोट लगी है । तीन थानों की पुलिस ने समझाया तब जाकर पिता अपने दोनों बच्चों के शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी हुआ । CSP पल्लवी शुक्ला ने बताया कि फ्रीगंज जाने के लिए मुड़े ही थेकि उनका वाहन अनियंत्रित होकर सामने बने यात्री प्रतीक्षालय से टकरा गया । इसके कारण दोनों बच्चे गाड़ी के नीचे दब गए । दोनों बच्चों को घायल अवस्था में उठाकर एक ऑटो में डालकर रतन जिला अस्पताल लेकर आया । यहां डाक्टरों ने दोनों मासूम को मृत घोषित कर दिया । इसके बाद बच्चों की डेथ बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने के लिए कर्मचारियों को बुलाया गया । यह सुनकर रतन ऑटो में बैठ चोरी छुपे अपने बच्चों की डेथ बॉडी को ले गया । इस पर अस्पताल में मौजूद पुलिस ने कंट्रोल रूम पर इसकी सूचना दी । तीन थानों का बल थाना प्रभारी सहित दो CSP ने रतन को चामुंडा माता मंदिर चौराहे पर पकड़ लिया और उसे अस्पताल ले जाने के लिए मनाते रहे । इस बीच हंगामा देख लोगों की भीड़ लग गई । दोनों मासूम के शवों को अपने गले से चिपकाकर रो रहे गरीब माता पिता को समझाने के बाद आखिरकार रतन और उसकी पत्नी पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए ।