उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए 28 जून से खुल जाएगा । मंदिर में उन श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जाएगा , जो 48 घंटे पहले कोरोना की RT - PCR निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट साथ ले जाएंगे । इसके साथ ही हर सिद्धि , काल भैरव और मंगलनाथ मंदिर भी खोल दिए जाएंगे । मंदिर में एक बार में 4 श्रद्धालु ही प्रवेश कर सकेंगे । नए दिशा - निर्देशों के लिए मंदिर समिति की बैठक होगी , जिसमें गाइडलाइन बनाई जाएगी । शुक्रवार को हुई आपदा प्रबंधन की बैठक में ये फैसला लिया गया । बैठक में बताया गया कि शहर अब पूरी क्षमता के साथ सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे खोला जाएगा । बृहस्पति भवन में हुई बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव , विधायक पारस जैन , सांसद अनिल फिरोजिया , कलेक्टर आशीष सिंह , एसपी सत्येंद्र शुक्ल समेत अन्य अफसर मौजूद थे । बैठक में उज्जैन शहर को अनलॉक करने को लेकर रजामंदी हुई । वहीं 15 जून से खुलने वाले महाकाल मंदिर समेत काल भैरव , हरसिद्धि और मंगलनाथ मंदिर को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा , ताकि एक मंदिर खोलते से ही श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं पहुंचे । मुख्य मंदिर समेत तीन मंदिरों को छोड़कर सभी मंदिर खुलेंगे बैठक में निर्णय लिया गया , महाकाल मंदिर समेत तीन अन्य मंदिर को छोड़कर बाकी सभी मंदिर शनिवार से खुल जाएंगे । कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि महाकाल मंदिर , हरसिद्धि , काल भैरव और मंगलनाथ मंदिर में न सिर्फ देशभर से बल्कि बड़ी संख्या में विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं । ऐसे में 28 जून से महाकाल मंदिर में ऐसे श्रद्धालुओं को ही प्रवेश मिलेगा , जो वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके हों या फिर 48 घंटे पहले की RT - PCR की निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट साथ लाए । इसके अलावा मंदिर के बाहर कोरोना टेस्ट के लिए यूनिट भी रखी जा सकती है । अगर कोई श्रद्धालु बिना जानकारी पंहुचा , तो उसका एंटीजन टेस्ट करके भी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद प्रवेश मिल सकेगा । मंदिर खोलने से पहले मंदिर समिति की बैठक होगी , जिसमें सभी दिशा - निर्देश तय किए जाएंगे ।
जब धरती से प्रकट हुए थे भगवान शिव और महाकाल मंदिर का ऐसे हुआ निर्माण Ujjain Mahakal Mandir Ki Kahani
मध्यप्रदेश की धार्मिक राजधानी यानी अवंतिका , उज्जैयिनी समेत कई नामों से प्रसिद्ध शहर उज्जैन । जहां भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है । मां शिप्रा के तट पर बसा हुआ शहर अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है । उज्जैन को भगवान महाकाल की नगरी कहते हैं । शिव पुराण के अनुसार उज्जैन में बाबा महाकाल का मंदिर काफी प्राचीन है । इस मंदिर की स्थापना द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के पालन करता नंद जी की 8 पीढ़ी पूर्व हुई थी । जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक इस मंदिर में दक्षिण मुखी होकर विराजमान है । महाकाल मंदिर के शिखर के ठीक ऊपर से कर्क रेखा गुजरी है । इसी वजह से इसे धरती का नाभि स्थल भी माना जाता है । उज्जैन के राजा प्रद्योत के काल से लेकर ईसवी पूर्व दूसरी शताब्दी तक महाकाल मंदिर के अवशेष प्राप्त होते हैं । महाकालेश्वर मंदिर से मिली जानकारी के अनुसार ईस्वी पूर्व छठी सदी में उज्जैन के राजा चंद्रप्रद्योत ने महाकाल परिसर की व्यवस्था के लिए अपने बेटे कुमार संभव को नियुक्त किया था । 14 वीं और 15 वीं सदी के ग्रंथों में महाकाल का उल्ल...
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