विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण के लिए मंदिर के 500 मीटर के दायरे में तेजी से खुदाई की जा रही हैं । खुदाई के दौरान एक बार फिर सैकड़ों साल पुराने मंदिर के अवशेष मिले है । इसमें दुर्गा मूर्ति के अलावा पुराने मंदिर को बनाने में इस्तेमाल हुए पत्थर के टुकड़े शामिल हैं । इससे पहले दिसंबर 2019 में भी 1000 साल पुराने शिलालेख मिले थे । इस बार मिली मूर्तियां भी 700 से 1000 साल पुरानी बताई जा रही है । इन्हें फिलहाल मंदिर के अन्न क्षेत्र में रखवाया गया है । सोमवार को मिले अवशेषों के बार में जानकारी देते हुए इतिहासकार रमण सोलंकी ने बताया कि खुदाई में मिले स्थापत्य खंड किसी मंदिर के हैं । सैकड़ों की संख्या में मिले इन पीसेस को सहेजना होगा । दिल्ली के सुल्तान ने मंदिर तोड़ने की कोशिश की थी पुरातत्वविद डॉ रमण सोलंकी ने बताया कि महाकाल मंदिर में पहले भी 1000 साल पुराने परमारकालीन अवशेष मिले थे । इस बार खुदाई के दौरान मंदिर के स्थापत्य खंड मिले हैं । इन्हें देखकर पता चलता है कि ये भी परमारकालीन है । ये अवशेष करीब सन 1232 के हैं , जब दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने उज्जैन परहमला किया था । उसने मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया था । जो अवशेष मिले हैं , उससे पता चलता है कि मूर्तियों को घन और हथोड़े से तोड़ा गया था । चूंकि मूर्तियां और पत्थर सहज रूप से नहीं टूटे हैं , इसलिए संभव है कि दिल्ली के सुलतान ने हमले में इन्हें तोड़ा हो । 5 करोड़ की लागत से बन रहा वेटिंग हॉल महाकाल मंदिर के सामने वाले हिस्से में 5 करोड़ रुपए की लागत से वेटिंग हॉल निर्माण कार्य चल रहा है । उसी जगह पर दूसरी बार मूर्तियां और अवशेष मिले है । पुरातत्वविदों ने काम को धीरे - धीरे कराने की सलाह दी है , ताकि प्राचीन अवशेषों को सहेज कर रखा जा सके ।