UJJAIN MP News . बेटे ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुख्ता कार्रवाई की मांग की उज्जैन के पाटीदार अस्पताल में आग से झुलसी महिला की इंदौर में इलाज के दौरान मौत हो गई । महिला के बेटे ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुख्ता कार्रवाई करने की मांग की है । उज्जैन के फ्रीगंज क्षेत्र में स्थित पाटीदार हॉस्पिटल के फर्स्ट फ्लोर पर कोविड सेंटर आइसोलेशन वार्ड में दो दिन पहले भीषण आग लगने से अफरा तफरी का माहौल बन गया । कई मरीज अंदर ही फंसे रह गए थे जिन्हें बमुश्किल दमकल कर्मियों व रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला था । अस्पताल में कुल 80 मरीज भर्ती थे जिन्हें अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया था । आग कोविड सेंटर में लगने से अस्पताल में भर्ती 4 कोविड मरीज झुलस गए थे जिनमे से दो मरीज को आग से ज्यादा झुलस जाने के कारण इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था । मंगलवार को सावित्री देवी श्रीवास्तव की इंदौर में मौत हो गई । मौत के बाद सावित्री देवी का इंदौर में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया । उनके बेटे संजीव श्रीवास्तव ने अस्पताल प्रबंधन पर ह्त्या का आरोप लगाते हुए अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की ।इंदौर के अरविंदो अस्पताल में कोरोना और जल जाने के कारण जिंदगी से जंग लड़ रही सावित्री देवी ने अपनी आखरी सांस ली । सावित्री देवी के बेटे संजीव ने आरोप लगाया है कि जब आग लगी तब में वहीं था । आग लगते ही अस्पताल के सभी कर्मचारी भागने लगे । मैंने अपनी मां को देखा तो वो जल रही थी जिसके बाद मैं उनका पलंग खींच कर बाहर ले आया । नीचे की और उतारने के लिए कुछ अन्य लोग मदद करने आ गए थे।अस्पताल प्रबंधन ने मेरी मां की हत्या की है । कल ही मैंने कलेक्टर उज्जैन को लिखित में आवेदन दिया है कि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए । सावित्री देवी की मौत के बाद उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि सावित्री देवी की मौत की खबर लगी है । हमने पांच सदस्यों की कमेटी बनाई थी , जिसकी रिपोर्ट जल्द आएगी । जैसे भी तथ्य सामने आएंगे उस हिसाब से आगे कार्रवाई की जाएगी । हालांकि उज्जैन कलेक्टर ने घटना वाले दिन सभी हेल्थ वर्कर की प्रशंसा की थी की जिन्होंने बहुत जल्द 80 मरीजों को जलते हुए अस्पताल से बहार निकालकर अन्य अस्पतालों में पंहुचा दिया था । अस्पताल की मैनेजर आफशा मेनन ने कहा हमारे स्टाफ ने जान की परवाह किए बगैर सभी मरीजों को निकाला है जो आरोप लगे है वो गलत है ।
जब धरती से प्रकट हुए थे भगवान शिव और महाकाल मंदिर का ऐसे हुआ निर्माण Ujjain Mahakal Mandir Ki Kahani
मध्यप्रदेश की धार्मिक राजधानी यानी अवंतिका , उज्जैयिनी समेत कई नामों से प्रसिद्ध शहर उज्जैन । जहां भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है । मां शिप्रा के तट पर बसा हुआ शहर अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है । उज्जैन को भगवान महाकाल की नगरी कहते हैं । शिव पुराण के अनुसार उज्जैन में बाबा महाकाल का मंदिर काफी प्राचीन है । इस मंदिर की स्थापना द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के पालन करता नंद जी की 8 पीढ़ी पूर्व हुई थी । जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक इस मंदिर में दक्षिण मुखी होकर विराजमान है । महाकाल मंदिर के शिखर के ठीक ऊपर से कर्क रेखा गुजरी है । इसी वजह से इसे धरती का नाभि स्थल भी माना जाता है । उज्जैन के राजा प्रद्योत के काल से लेकर ईसवी पूर्व दूसरी शताब्दी तक महाकाल मंदिर के अवशेष प्राप्त होते हैं । महाकालेश्वर मंदिर से मिली जानकारी के अनुसार ईस्वी पूर्व छठी सदी में उज्जैन के राजा चंद्रप्रद्योत ने महाकाल परिसर की व्यवस्था के लिए अपने बेटे कुमार संभव को नियुक्त किया था । 14 वीं और 15 वीं सदी के ग्रंथों में महाकाल का उल्ल...
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