• कोविड सेंटर से बुधवार सुबह हाउस कीपर ने छोटे भाई को मौत की सूचना दी • परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी की , तभी पता चला गोलू तो जिंदा है मध्यप्रदेश में सरकारी सिस्टम पहले से ही वेंटिलेटर पर है । बुधवार को इसका असर तब देखने को मिला , जब सारी वार्ड में भर्ती एक कोरोना संदिग्ध युवक की मौत की खबर उसके परिजन को दे दी गई । बिलखते परिजन ने किशोर कुमार मुक्तिधाम पर उसके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी थीं । जब परिजन शव लेने पहुंचे , तो चेहरा देखकर अवाक रह गए । उन्होंने कहा कि यह हमारा गोलू नहीं है , यह तो कोई बुजुर्ग है । थोड़ी देर बाद प्रबंधन ने बताया कि आपका गोलू जिंदा है । कोरोना के संदिग्ध गोलू ( 22 ) पिता युवराज पंवारनिवासी रामपुरा सिंगोट को बुखार आने पर मंगलवार रात 12 बजे सारी वार्ड में भर्ती किया था । बुधवार सुबह 7.41 बजे हाउस कीपर नितेश शर्मा ने गोलू के छोटे भाई बादल को गोलू की मौत की सूचना दी । गोलू के भाई , दोस्त , रिश्तेदार समेत करीब 25 लोग दाह संस्कार के लिए खंडवा पहुंच गए । किशोर कुमार मुक्तिधाम पर दाह संस्कार की तैयारियां भी कर ली गईं । सिर्फ गोलू के शव का इंतजार था । छह घंटे की मशक्कत के बाद दोपहर 1.30 बजे मौत का पंचनामा बनाकर शव भाइयों को दिया गया । इस दौरान भाइयों ने कहा कि एक बार चेहरा दिखा दो । कपड़ा हटाते ही भाई चौंक गया । भाई ने तपाक से बोला- ये हमारा गोलू नहीं है । हमें गोलू का शव चाहिए । जैसे ही , यह बात कोविड सेंटर की व्यवस्था संभाल रही यूडीएस कंपनी के कर्मचारियों को पता चली , तो उन्होंने गोलू के शव पर लगी नाम की पर्ची हटाई । पंचनामा के कागजात भी गायब कर दिए । फिर गोलू को ढूंढने की जद्दोजहद शुरू हुई । आधे घंटे की मशक्कत के बाद गोलू 202 नंबर में बेड पर लेटा मिला । गौरतलब है , कोविड वार्ड में प्रतिदिन 10 से 15 लोगों की मौत हो रही है । सवाल यह है , क्या सभी के शव उनके परिजन को मिल रहे हैं । गोलू की मौत की झूठी खबर सिस्टम की बड़ी लापरवाही है । बेशर्म हाउस कीपर बोला ... जिंदा है तो अब खुशियां मनाओ हाउस कीपर नितेश शर्मा ने कहा , दोनों एक जैसे दिख रहे थे । नाम भी समान थे । जो भी गलती हुई थी , हमने परिजन से बात कर ली । गोलू तो जिंदा है , अच्छी बात है । आप तो खुशियां मनाओ । मेरे पास जो डिटेल आई थी , मैंने वैसे काम किया । मैं इसमें क्या कर सकता हूं । अपना गोलू जिंदा है , अस्पताल आ जाओगोलू जिंदा है , ऊपर वार्ड में 202 नंबर कमरे में वह पलंग पर है । मैं खुद उसे देखकर आ रहा हूं । आप सब लोग अस्पताल आ जाओ । रामपुरा में भी सभी को बता दो कि गोलू जिंदा है । दोपहर 2.55 बजे गोलू के जिंदा होने की पुष्टि होते ही उसके छोटे भाई बादल पंवार ने यह खबर श्मशान घाट पर दाह संस्कार की तैयारी कर रहे रिश्तेदारों को दी , तो उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा । यूडीएस के कर्मचारियों ने दस्तावेज बदले लापरवाही उजागर होने के बाद यूडीएस के कर्मचारियों ने मामले को दबा दिया । गोलू पंवार के भाई ने मौत का पंचनामा मांगा , तो उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि अब बात खत्म करो । आपको जिस कर्मचारी ने फोन किया था , उसका नंबर बताओ हम उसके खिलाफ एक्शन लेंगे । इधर , मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ . अनंत पंवार का कहना है कि गोलू की मौत की खबर गलत दी गई । मुझे पता चला है । बड़ी लापरवाही है । मैंने इस मामले में जांच बैठा दी है । दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी ।