ग्वालियर - झांसी हाईवे पर दिल दहला देने वाली घटना हुई है । अज्ञात वाहन की चपेट में आए युवक के शव को सड़क पर रात भर ट्रकों के पहिए रौंदते रहे । बार - बार भारी वाहन गुजरने से शव सुबह तक मांस के चीथड़ों में बदल गया था । हाईवे पर कहीं हाथ तो एक किलोमीटर दूर अंगुलियां मिलीं । हाईवे पर ट्रकों के पहियों के नीचे बार - बार मानवीयता कुचलती रही , लेकिन किसी ने वाहन रोककर देखा तक नहीं । घटना नेशनल हाईवे -44 पर टेकनपुर के पास हुई है । सोमवार सुबह जब लोगों ने हाईवे को खून से सना और मांस के टुकड़े बिखरे देखे तो पुलिस को सूचना दी । पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एक पॉलीथिन में सभी टुकड़े भर लिए हैं । मृतक कौन था और कैसे हादसे का शिकार हुआ यह पता नहीं चल सका है । ग्वालियर - झांसी हाईवे पर टेकनपुर गुरुद्वारा के पास से सोमवार सुबह जब लोग गुजरे तो सड़क पर मांस के लोथड़े पड़े देखकर सनसनी फैल गई । तत्काल मामले की सूचना पुलिस कन्ट्रोल रूम को दी गई । डबरा , टेकनपुर पुलिस वहां पहुंची । हाईवे पर दूर - दूर तक खून के निशान थे । जहां तक नजर जा रही थी वहां तक मास के टुकड़े पड़े दिख रहे थे पर शव कहीं नहीं था । पुलिस अफसरों को समझते देर नहीं लगी कि रात को कोई व्यक्ति हादसे का शिकार हुआ है और उसे कई वाहनों ने रौंदा है । इस कारण उसके शव के टुकड़े - टुकड़े हो गए हैं । पुलिस ने तत्काल फोरेंसिक टीम को कॉल कर जांच शुरू कर दी । सैकड़ों वाहन शव क ऊपर से गुजरे जिस तरह हाईवे पर शव टुकड़ों - टुकड़ों में मिला है या यह कहें शव के टुकड़े मिले हैं उससे साफ है कि रास्ता पार करते समय किसी व्यक्ति को अज्ञात तेज रफ्तार वाहन ने टक्कर मारी होगी है । व्यक्ति मृत या बेहोश होने के बाद हाईवे पर गिरा होगा । इसके बाद रात भर वहां से गुजरने वाले सैकड़ों भारी वाहन उसके ऊपर से गुजरते गए होंगे । बार - बार भारी वाहनों के पहिए गुजरने से शव मिनटों में टुकड़ों और उसके बाद चीथड़ों में बदलता चला गया । सोमवार सुबह 5 बजे तक यह हाल था कि शव मांस के छोटे - छोटे टुकड़ों में बदलकर सड़क पर चिपका हुआ था । जहां हाथ मिला वहां से एक किलोमीटर दूर मिली अंगुली पुलिस ने नेशनल हाईवे -44 पर पहुंचकर शव के टुकड़े उठाना शुरू किए । जहां से पुलिस ने हाथ का पंजा उठाया उस स्पॉट से एक किलोमीटर दूर हाथ की अंगुली पड़ी मिली है । इसके साथ ही चेहरा तो कहीं मिला ही नहीं है । पेट , पैर भी नहीं मिले हैं । सिर्फ हाथ के पंजे मिले हैं । पुलिस ने हाईवे से शव को खरोंचकर निकाला है । अनुमान है कि ट्रकों के पहियों के साथ शव के चीथड़े दूर - दूर तक गए होंगे । हाईवे से गुजरते हैं एक घंटे में 4 हजार वाहन नेशनल हाईवे -44 पर जिस जगह यह हादसा हुआ है वह टेकनपुर के नजदीक का है । पुलिस यहां भी पता लगा रही है कि कोई व्यक्ति रात के समय दुघर्टना का शिकार हुआ हो । यह हाईवे UP के झांसी , MP के ग्वालियर शहर को जोड़ता है । एक घंटे में 4 से 5 हजार वाहन यहां निकलते हैं । सभी हैवी लोड वाहन होते हैं । ऐसे में यह पता लगाना बहुत मुश्कित है कि हादसा किस वाहन से हुआ और कैसे हुआ । लाइक कमेंट शेयर हमें खबर को और बेहतर करने में मदद करें!
जब धरती से प्रकट हुए थे भगवान शिव और महाकाल मंदिर का ऐसे हुआ निर्माण Ujjain Mahakal Mandir Ki Kahani
मध्यप्रदेश की धार्मिक राजधानी यानी अवंतिका , उज्जैयिनी समेत कई नामों से प्रसिद्ध शहर उज्जैन । जहां भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है । मां शिप्रा के तट पर बसा हुआ शहर अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है । उज्जैन को भगवान महाकाल की नगरी कहते हैं । शिव पुराण के अनुसार उज्जैन में बाबा महाकाल का मंदिर काफी प्राचीन है । इस मंदिर की स्थापना द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के पालन करता नंद जी की 8 पीढ़ी पूर्व हुई थी । जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक इस मंदिर में दक्षिण मुखी होकर विराजमान है । महाकाल मंदिर के शिखर के ठीक ऊपर से कर्क रेखा गुजरी है । इसी वजह से इसे धरती का नाभि स्थल भी माना जाता है । उज्जैन के राजा प्रद्योत के काल से लेकर ईसवी पूर्व दूसरी शताब्दी तक महाकाल मंदिर के अवशेष प्राप्त होते हैं । महाकालेश्वर मंदिर से मिली जानकारी के अनुसार ईस्वी पूर्व छठी सदी में उज्जैन के राजा चंद्रप्रद्योत ने महाकाल परिसर की व्यवस्था के लिए अपने बेटे कुमार संभव को नियुक्त किया था । 14 वीं और 15 वीं सदी के ग्रंथों में महाकाल का उल्ल...
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