प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन की कविता- मुसलमान औ ' हिन्दू है दो , एक मगर , उनका प्याला ... बैर बढ़ाते मस्जिद मंदिर मेल कराती मधुशाला ! ... 1935 में आई ये कविता आज के इंदौर पर सटीक बैठती है । राज्य सरकार ने मंदिर - मस्जिद खोलने की अनुमति दी है पर इंदौर में रोक है । हां मगर वहीं , शराब 9 बजे तक बिकेगी । 50 दिन बाद अनलॉक हो रहे इंदौर में इस फैसले को लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं । प्रशासन का इस पर तर्क है कि मंदिरों को खोल देने पर अधिक भीड़ उमड़ने का खतरा है । लोग सवाल उठा रहे हैं कि मंदिर जरूरी है या शराब की दुकान ? इस आदेश के पीछे संक्रमण से बचाव कम और आर्थिक पक्ष ज्यादा है । आइए इस रिपोर्ट से समझते हैं इंदौर का सबसे प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर है । इसके प्रशासक कलेक्टर हैं । यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है । पंडित अशोक भट्ट की माने तो एक माह में 20 से 25 लाख रुपए का चढ़ावा आता है । यानी साल का लगभग 3 करोड़ रुपए । इसमें से ज्यादा राशि मंदिर के मेंटेनेंस पर ही खर्च होती है । वहीं , इंदौर की विजयनगर स्थित स्कीम नंबर 54 की दुकान से सरकार को सालभर में 28 करोड़ का फायदा होता है । मेंटनेंस के नाम पर भी खर्च नहीं करनापड़ता है । अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार और प्रशासन को शराब बेचने की इतनी चिंता क्यों है ? इंदौर में जिले की बात करें तो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 175 दुकानें हैं , जिसमें से देसी शराब 106 , विदेशी शराब की 67 , इंपोर्टेड शराब की 2 दुकानें हैं । इन दुकानों से 10 महीने में ही सरकार को 910 करोड़ का राजस्व मिलेगा । किराना के लिए सिर्फ 4 घंटे , शराब बिकेगी 9 घंटे लोग इंदौर की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की समझ पर भी सवाल खड़े करने लगे हैं । लोगों का कहना है कि , ये कौन सा निर्णय है कि शराब की दुकान सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खुलेगी तो वहां संक्रमण नहीं फैलेगा । किराना की दुकान से संक्रमण फैलेगा इसलिए उसे 4 घंटे के लिए ही खोला गया है ।स्थ््

इनसे भी ज्यादा जरूरी शराब की ही थी क्या

 सभी स्कूल - कॉलेज , कोचिंग , सिनेमाघर , शॉपिंग मॉल , स्विमिंग पूल , थिएटर , पिकनिक स्पॉट , ऑडिटोरियम बंद हैं तो शराब इतनी जरूरी क्यों है । उसे बंद ही रखा जाए , इससे आम जनता की सेहत पर क्या फर्क पड़ेगा । सरकार को केवल राजस्व की चिंता है आम जनता की भावना की कोई कदर नहीं है । आम व्यक्ति को जब तकलीफ में होता है तो वह भगवान के दरबार में मदद की गुहार के लिए जाता है । लेकिन सरकार इस समय लोगों की भावनाओं से खेल रही है । विशाल पटेल , कांग्रेस विधायक की दुकान संक्रमण बड़ा है और आम व्यक्ति की जरूरत के वस्तु को सरकार को अधिक समय तक खोलना चाहिए । मंदिर मस्जिद का तो वह सरकार का निर्णय है , लेकिन संक्रमण बड़ा है और हमें तीसरी लहर के लिए अब तैयारी करना होगी ।